राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेन्ट्स लिमिटेड ("मिनी रत्न" केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार) ग्रामीण भारत का उत्थान, इलेक्ट्रॉनिक्स, अक्षय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी समाधान के माध्यम से
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (उपक्रम) जयपुर की 45वीं अर्धवार्षिक बैठक का आयोजन दिनांक 28.03.2023 को राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील), जयपुर के संयोजन में सभागार, रील हाउस, शिप्रा पथ, मानसरोवर में किया गया। इस बैठक में अध्यक्ष, नराकास (उ) जयपुर एवं प्रबन्ध निदेशक रील, जयपुर श्री राकेश चौपड़ा, उप निदेशक, कार्यान्वयन (उत्तर-1), राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार श्री कुमार पाल शर्मा, समन्वयक, नराकास (उ) जयपुर एवं महाप्रबंधक (वर्क्स) श्री संजीव कुमार, समन्वयक, राजभाषा कार्यान्वयन समिति (रील) जयपुर श्री दीपक गुप्ता एवं सचिव, नराकास (उ) जयपुर एवं उप महाप्रबंधक (सूचना प्रौद्यौगिकी) श्री संदीप प्रेम उपस्थित थे। बैठक में कुल 28 सदस्य उपक्रमों द्वारा भाग लिया गया।
इस अवसर पर श्री राकेश चौपड़ा, अध्यक्ष, नराकास (उ) जयपुर एवं प्रबन्ध निदेशक रील, जयपुर ने हिन्दी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे प्रयासो की सराहना की। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से अब कम्प्यूटर पर हिन्दी में कार्य करना सुगम हो गया है। इस अवसर पर उन्होने नराकास (उ) जयपुर के सभी सदस्य उपक्रमों के प्रमुखो से आव्हान किया कि वे अपने दैनिक कार्यालय कार्यो में हिन्दी का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रेरित करें जिससे हिन्दी का उत्तरोत्तर विकास हो सकें।
राजभाषा के महत्व पर जोर देते हुये अध्यक्ष, नराकास (उ) जयपुर ने बताया कि विदेशों में भारत सरकार के संस्थानों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा नियमित रूप से प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय द्वारा “विश्व हिंदी सम्मेलन” एवं “प्रवासी भारतीय दिवस’’ और अन्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के माध्यम से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाये रखने के प्रयास निरंतर किये जा रहे हैं, ताकि विदेशों में रह रहे भारतीय, भारतीय संस्कृति से जुड़े रहें।
बैठक में श्री कुमार पाल शर्मा, उप निदेशक, कार्यान्वयन (उत्तर-1), राजभाषा विभाग, भारत सरकार द्वारा राजभाषा हिन्दी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये सभी सदस्यों को राजभाषा के प्रगामी प्रयोग संबन्धित तिमाही प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करते हुये हिन्दी की प्रगति पर संतोष जताया। उन्होने विचार-व्यवहार एवं भाव-प्रभाव की बहुत ही सुंदर तरीके से व्याख्या करते हुये बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचारो को उन्नत बनाना चाहिए ताकि व्यवहार उत्कृष्ठ स्तर का हो सकें एवं साथ ही भावों में सकारात्मकता रखें ताकि प्रभाव भी सकारात्मक रहे। भाषा के माध्यम से देश के विकास में तेजी लायी जा सकती है जिसके लिए कंठ से कलम तक, कलम से कंप्यूटर तक, सभी, हिन्दी में काम करें, और सभी काम, हिन्दी में करें।
बैठक के अंत में समन्वयक, नराकास (उ) जयपुर एवं महाप्रबंधक (वर्क्स) श्री संजीव कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने सभी से शत प्रतिशत कार्य राजभाषा हिन्दी में करने का आग्रह किया।